चुनाव आयुक्त डॉ विवेक जोशी ने बिहार के मतदान प्रतिशत पर चिंता व्यक्त की है। पटना में अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए व्यापक रणनीति बनाएं। इसे माइक्रो लेवल तक लागू करें और इसकी नियमित समीक्षा होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में हुए चुनाव में बिहार का मतदान प्रतिशत लगभग 56-57 प्रतिशत रहा है जबकि राष्ट्रीय औसत 66.10 प्रतिशत है। इसे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। बिहार में 77,895 मतदान केंद्र हैं। सभी केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के क्रम में डॉ विवेक जोशी चार दिवसीय दौरे पर बिहार में हैं। पटना की बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, स्टेट पुलिस नोडल पदाधिकारी कुंदन कृष्णन, आईजी, डीएम,एसएसपी एवं कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
बिहार में मतदाताओं की संख्या लगभग 7.80 करोड़ है। चुनाव आयुक्त ने निर्देश दिया कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची में नाम जोड़ने से वंचित न रह जाए। विशेष रूप से 18 से 19 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या कम है।
वर्तमान में इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 8,08,857 है, जबकि अनुमानित जनसंख्या लगभग 64 लाख है। इस स्थिति को देखते हुए युवाओं के नाम पंजीकरण पर विशेष ध्यान देना होगा।
चुनाव में दिव्यांग एवं 85 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ मतदाताओं की भी अधिकतम भागीदारी होनी चाहिए। बिहार में 7,69,046 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक के 5,91,347 मतदाता हैं।
डॉ जोशी ने निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, शांतिपूर्ण एवं अधिकतम सहभागिता वाला बनाने पर बल दिया। उन्होंने निर्वाचन संबंधित सभी कार्य निष्पक्षता एवं समय पर कराने का निर्देश दिया। डॉ जोशी शनिवार और रविवार को मोतिहारी और बेतिया एवं सोमवार को वैशाली में बैठक करेंगे।