प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा केवल एक नाम नहीं है। यह एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा मूल है और मंत्र भी है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि ज्ञान नष्ट नहीं हो सकता, भले ही पुस्तकें आग में जल जाएं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नये नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना भारत के स्वर्ण युग का शुभारंभ करेगी। नालंदा के गौरव को लौटाने के लिए उन्होंने बिहार के लोगों के दृढ़ संकल्प की भी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर के उद्घाटन के मौके पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन समारोह में 17 देशों के मिशन प्रमुख भी शामिल हुए। उन्होंने यूनिवर्सिटी परिसर में बोधि वृक्ष भी लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा के प्राचीन अवशेष के निकट इसका पुनरुद्धार विश्व को भारत की क्षमताओं से परिचित कराएगा। इससे विश्व को यह जानकारी मिलेगी कि मानवीय मूल्यों वाले राष्ट्र इतिहास का कायाकल्प कर एक बेहतर विश्व का निर्माण करने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रों को उनकी अलग पहचान और राष्ट्रीयता के बावजूद प्रवेश दिया जाता था। उन्होंने आधुनिक रूप में निर्मित नालंदा यूनिवर्सिटी परिसर में उन्हीं प्राचीन परंपराओं को मजबूत करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 से अधिक देशों के छात्र पहले से ही नालंदा यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं। यह वसुधैव कुटुंबकम का आदर्श उदाहरण है।
भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्य कर रहा है और अपनी शिक्षा प्रणाली को परिवर्तित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत विश्व के समक्ष शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व की चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नालंदा यूनिवर्सिटी के काम को आगे बढ़ा रही है। पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के तर्ज पर आसपास के गांवों को नये यूनिवर्सिटी से फिर से जोड़ा जाए। बच्चे-बच्चियों को भी बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालय में शामिल कीजिए। इस काम में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत होगी, तो हमलोग तैयार हैं।
समारोह में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, केंद्रीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलपति अरविंद पनगढ़िया, उप कुलपति अभय कुमार सिंह समेत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।