मुख्य समाचार

बिहार में आरक्षण बढ़ाने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने किया रद्द 

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया है। बिहार सरकार ने नवंबर 2023 में नई आरक्षण नीति के तहत आरक्षण की सीमा 60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी थी। 

चीफ जस्टिस के.विनोद चंद्रन और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने आरक्षण की बढ़ी सीमा को संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 16 का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी। 

पटना हाईकोर्ट में आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर 27 नवंबर, 2023 को चुनौती दी गई थी। इस मामले में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि संविधान में आरक्षण की व्यवस्था सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए की गयी है न कि जनसंख्या के अनुपात में। 

याचिकाकर्ता का कहना था कि बिहार आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इसलिए इसकी समीक्षा होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने 11 मार्च, 2024 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

आरक्षण (संशोधन) विधेयक 10 नवंबर, 2023 को बिहार विधान मंडल से पास हुआ था। 21 नवंबर, 2023 को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विधेयक को मंजूरी दी। 
 


संबंधित खबरें