बिहार के डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी 11 वर्षों तक बिहार की एनडीए सरकार के वित्त मंत्री रहे। इस नाते उन्होंने वित्तीय अनुशासन लाने और बिहार को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर लाने में बड़ी भूमिका निभाई।
एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित सुशील मोदी के जयंती समारोह को सम्राट चौधरी संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन सुशील कुमार मोदी शोध संस्थान ने किया था।
डिप्टी सीएम ने कहा कि यह सुशील मोदी की अद्भुत प्रतिभा और लोकप्रियता का प्रमाण है कि वे बिहार विधान मंडल और संसद यानी विधायिका के चारों सदन के सदस्य थे।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और तेज विकास दर हासिल करने में सुशील मोदी ने हमेशा राज्य सरकार का साथ दिया। वे अपनी इन्ही क्षमताओं की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीब थे। भाजपा-जदयू की गठबंधन सरकार को टिकाऊ बनाने में सुशील मोदी ने जो राजनीतिक कौशल दिखाया, वह हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
1990 में जब वह पहली बार विधायक बने, तब सामाजिक न्याय और दलित-पिछड़ों के सम्मान के लिए संघर्ष का महत्वपूर्ण दौर था। ऐसे समय में सुशील मोदी ने भाजपा को सामाजिक न्याय के साथ मजबूती से खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सम्राट चौधरी ने कहा कि संविधान, आरक्षण, जातीय जनगणना, संसदीय परंपरा, बजट, जीएसटी और वित्तीय प्रबंधन पर पार्टी का पक्ष प्रभावशाली ढंग से रखने में सुशील मोदी की प्रतिभा का लोहा माना जाता था।
बिहार में किसी बड़ी घटना के बाद सबसे पहले वहां पहुंचने की तत्परता उन्होंने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर से सीखी थी और इसे वे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते थे। सुशील मोदी का जीवन और संघर्ष नई पीढ़ी को सदैव सकारात्मक राजनीति का मार्ग दिखाता रहेगा।