इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के सहयोग से बिहार सरकार के आईटी विभाग ने होटल मौर्य में आईटी कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कॉन्क्लेव के दौरान ही सात कंपनियों ने लगभग 470 करोड़ निवेश के प्रस्ताव दिये।
इनमें सबसे अधिक 300 करोड़ रुपये का निवेश होलोवेयर कंपनी का है। अब तक 30 से अधिक कंपनियां बिहार के आईटी सेक्टर में 1500 करोड़ रुपये निवेश की इच्छा व्यक्त की है।
आईटी विभाग के विशेष सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कंपनियों से कहा कि वे बिहार आईटी पॉलिसी 2024 का लाभ उठाएं और निवेश करें। बिहार के बिजनेस कम्युनिटी की मांग थी कि परचेज प्रिफरेंस पॉलिसी लायी जाए। सरकार ने उनकी यह मांग पूरी कर दी है।
विशेष सचिव ने कहा कि अब बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी, टेक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी और स्टार्ट अप जैसी कई बेहतरीन नीतियां आ गई हैं। अब बिजनेस कम्युनिटी की भी जिम्मेदारी है कि वे बिहार में अधिक से अधिक निवेश करें। उन्होंने मार्च 2025 तक बिहार के आईटी सेक्टर में 4000 करोड़ रुपये निवेश का आह्वान किया।
आईसीसी बिहार स्टेट काउंसिल के चेयरमैन प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार अब निवेश का बेहतर अवसर उपलब्ध करा रहा है। हमारे यहां अब चुनौतियों से ज्यादा अवसर हैं। दुनिया डाटा पर चल रही है। डाटा के आधार पर निर्णय करना काफी प्रभावी होता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, तो बिहार सबसे युवा राज्य है। बिहार में रिवर्स ब्रेन ड्रेन की शुरुआत हो गई है।
कॉन्क्लेव को सी-डैक के निदेशक आदित्य सिन्हा, होलोवेयर सॉफ्टवेयर कंपनी के संस्थापक राघवेंद्र गणेश एस, बिहार होटल लिमिटेड के एमडी एसपी सिन्हा, बीसेंट्रीक कंपनी के सीईओ अलख वर्मा, आईसीसी बिहार स्टेट काउंसिल के आर्थिक मामलों के चेयरमैन रितेश आनंद ने भी संबोधित किया।