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कृषि क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे बीएयू और सी-डैक 

बिहार में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर और सी-डैक,पटना मिलकर काम करेंगे। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से सभी जीआई उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

बीएयू के कुलपति डॉ डी.आर. सिंह ने सी-डैक के 37वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक संगोष्ठी में ये बातें कहीं। संगोष्ठी का आयोजन पटना में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में किया गया। 
इस मौके पर नागरिक केंद्रित सेवाओं और सतत अर्थव्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका किताब का भी विमोचन किया गया।

डॉ डी.आर. सिंह ने बताया कि जल्द ही एक गांव को गोद लेकर वहां कृषि में एआई आधारित तकनीक शुरू की जाएगी। प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अन्य गांवों में भी इस तरह का प्रयोग किया जाएगा। इससे किसान आधुनिक तरीके से खेती कर अधिक उपज प्राप्त कर सकेेंगे।

सी-डैक पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा ने समाज की बेहतरी के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाने पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नये प्रयोग एवं दक्षता बढ़ाने में एआई की भूमिका पर बल दिया।

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने कहा कि एआई का उपयोग कृषि क्षेत्र के साथ आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए किया जा सकता है। 

संगोष्ठी में कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में एआई, रणनीतिक क्षेत्र में एआई की भूमिका और रोबोटिक्स स्टार्टअप्स के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने में मंत्रालय की भूमिका विषयों पर चर्चा हुई।  
प्रमुख वक्ता ए. एन स्वामी, साई कृष्णा, डॉ सी. के. पांडा, डॉ प्रियंकर सिंह, असीम आनंद और डॉ एस.ए.पशुपति ने अपने विचारों को रखा।

टाटा टेक्नोलॉजी के उपाध्यक्ष सुशील कुमार, एनआईसी पटना के डॉ आर के मिश्रा, आईजीआईएमएस के निदेशक, चैंबर के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल एवं सदस्य भी मौजूद रहे।
 


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