सीतामढ़ी जिले के मुरादपुर में बीज प्रसंस्करण इकाई (सीड प्रोसेसिंग यूनिट) का शुभारंभ डिप्टी सीएम सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया। यूनिट की क्षमता एक टन प्रति घंटा है। साथ ही 500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम का भी उद्घाटन किया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बीज प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने और प्रोसेसिंग की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के तहत किया गया है।इस परियोजना के माध्यम से सीतामढ़ी जिले में 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती करने वाले 407 किसानों को 300 क्विंटल गेहूं का आधार बीज उपलब्ध कराया गया है। इससे अनुमानित 10500 क्विंटल बीज का उत्पादन होगा। इसका भंडारण और प्रसंस्करण अब जिले में ही होगा।
कृषि मंत्री ने सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में किसानों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने किसानों की वर्तमान स्थिति और खेती में आने वाली चुनौतियों की जानकारी ली। इस कार्यक्रम में सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद, कई जनप्रतिनिधि एवं कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल मौजूद रहे।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेती को लाभकारी बनाने के लिए प्रयास कर रही है। बजट 2024-25 में 32 फसल और बागवानी खेती से संबंधित 109 उच्च उत्पादकता एवं जलवायु अनुकूल किस्मों को जारी किया गया है।
फूलों की खेती को निर्यात नीति के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है। जैविक खेती के लिए कॉरिडोर आधारित परियोजना राज्य के 13 जिलों में लागू की गई है। इससे टिकाऊ खेती, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।
उन्होंने बताया कि बिहार देश का 85 प्रतिशत और विश्व का 60 प्रतिशत मखाना का उत्पादन करता है। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना होने से 50 हजार किसान परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह बोर्ड वैश्विक बाजार में मखाना की पहुंच को आसान बनाएगा।
कृषि सचिव ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके उत्पाद के उचित मूल्य के लिए शीघ्र ही बाजार की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने पोषक अनाज की खेती को बढ़ावा देने, खस जैसी सुगंधित फसलों की खेती और फूलों की वाणिज्यिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया।