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12 जिलों में कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए योजना स्वीकृत 

बिहार के बांका, मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। इन जिलों में नये कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए राज्य सरकार ने तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत की है। 

इसके अंतर्गत नये कोल्ड स्टोरेज टाइप वन और टाइप टू की स्थापना पर 50 प्रतिशत सहायता अनुदान का प्रावधान है। राज्य में 202 कोल्ड स्टोरेज कार्यरत हैं। इनकी भंडारण क्षमता 12,30,176 मीट्रिक टन है। 

कृषि मंत्री मंगल पांडेय कृषि भवन में कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोलर प्लेट पर अनुदान बढ़ाने और छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज निर्माण पर विचार किया जायेगा। इससे छोटे किसानों को मदद मिलेगी। 

किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से नये-नये अनुसंधान करने की अपील की। साथ ही किसानों को आलू के अच्छे बीज उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया।

कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में फल, सब्जी और आलू का अच्छा उत्पादन होता है। इन्हे संरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है।

राज्य में फल का सालाना औसत उत्पादन 5059 हजार मीट्रिक टन है। फल उत्पादन में बिहार का आठवां स्थान है। सब्जी का उत्पादन 18,021 मीट्रिक टन और आलू का उत्पादन लगभग 9075 हजार मीट्रिक टन है। सब्जी उत्पादन में चौथा और आलू उत्पादन में तीसरा स्थान है। 

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज मालिकों की समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। इसके लिए कृषि विभाग में एक नोडल पदाधिकारी होंगे, जो श्रम संसाधन विभाग, उद्योग और ऊर्जा विभाग से समन्वय कर समस्याओं का समाधान करने में मदद करेंगे। उन्होंने बैंकों के प्रतिनिधियों से कोल्ड स्टोरेज मालिकों को लोन देने में सहयोग करने की अपील की।   


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