केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना में कहा कि किसानों के बिना दुनिया नहीं चल सकती है। बाकी चीजें तो फैक्ट्री में बन जाएंगी, लेकिन गेहूं-चावल कहां से आएगा। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
कृषि भवन में किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि अगली बार पूरा समय लेकर बिहार आएंगे। इसके बाद खेतों में ही कार्यक्रम करेंगे। किसानों की समस्याओं को भी देखेंगे। कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है। परंपरागत फसलों के साथ अधिक पैसे देने वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
फूड प्रोसेसिंग की चर्चा करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार की प्रतिभा अद्भुत है। इस टैलेंट का सही उपयोग भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा।
केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। आजकल केंचुएं खेतों में नहीं दिख रहे हैं। केंचुआं जमीन के नीचे जाता है, फिर ऊपर आता है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।
शिवराज सिंह चौहान ने स्टॉल में लगे मखाना, चावल, शहद, मक्का और चाय की तारीफ की। उन्होंने कहा किसानों के पास जमीन के बड़े टुकड़े नहीं हैं। 91 प्रतिशत किसान सीमांत हैं। इसके बावजूद किसान चमत्कार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के लिए छह सूत्रों पर काम कर रही है। बिहार का मखाना एक्सपोर्ट क्वालिटी का पैदा हो रहा है। इससे संबंधित कार्यालय बिहार में आये। इसके लिए पूरा प्रयास करूंगा।
संवाद कार्यक्रम में जिलों से आये किसानों ने अपनी परेशानी और सुझावों को केंद्रीय कृषि मंत्री के समक्ष रखा। कार्यक्रम को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, कृषि मंत्री मंगल पांडेय और कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने भी संबोधित किया।