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पटना में रामलीला : पांचवें दिन राम और परशुराम का संवाद 

पटना के नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में दस दिवसीय रामलीला के पांचवें दिन का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने किया। निरंजन लाल व्यास के नेतृत्व में रामलीला मंचन में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का जीवंत चित्रण किया गया। 

कार्यक्रम में दिखाया गया कि मुनि परशुराम पर्वत पर तप कर रहे थे। तभी उन्हें धनुष टूटने की आवाज सुनाई दी। उनकी समाधि भंग हो गई। वे आक्रोशित हो गए और तुरंत जनकपुर आ गये। उनके आते ही राजाओं में भगदड़ मच गई।

सभी राजाओं ने उन्हें प्रणाम किया। वे महाराज विदेहराज से मिले। विदेहराज ने उन्हें बताया कि धनुष का खंडन हो गया है। यह जानकर मुनि परशुराम को क्रोध आ गया। रामजी वहां आये और कहा कि धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई सेवक ही होगा। 

लक्ष्मण से भी उनकी बात हुई। इसके बाद परशुराम जी अपना धनुष और फरसा देकर मंदराचल पर्वत पर तप करने के लिए चले गए। इधर, महाराज विदेहराज ने लग्न पत्र अवधपुरी भेजा। वहां से अवध नरेश दशरथ जी बारात सजाकर लाये और चारों भाइयों का विवाह कराया। 
 


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