राजभवन में दो दिवसीय आमोत्सव का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार में अगर हम उद्योग लगाने की बात करते हैं, तो वह कृषि आधारित होना चाहिए ।
बिहार के आम का स्वाद अनोखा है। इसे उचित बाज़ार मिले तो निश्चित तौर पर आम उत्पादकों को काफी फायदा होगा।
राज्यपाल ने कहा कि मैं गोवा से हूं। उस क्षेत्र का अल्फांसो (हापुस) आम पूरी दुनिया में मशहूर है। बिहार आने पर भागलपुर के जर्दालु आम के स्वाद से काफी प्रभावित हुआ। बिहार के प्रमुख आम जर्दालु, दीघा मालदह और दुधिया मालदह में भारत की पहचान के रूप में स्थापित होने की क्षमता है।
राजभवन में आमोत्सव का आयोजन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर और कृषि विभाग ने संयुक्त रूप से किया है। आमोत्सव में 300 से अधिक आम की किस्म एवं आम के उत्पादों की प्रदर्शनी लगी है। इसमें बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान, व्यापारी और आम के प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं।
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आम उत्पादन में बिहार का देश में चौथा स्थान है। इस तरह के आयोजन से आम के उत्पादन और विपणन में वृद्धि होगी और बिहार आम उत्पादन में पहला स्थान हासिल करेगा।
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में लगभग 1.6 लाख हेक्टेयर में आम की खेती होती है। औसत उपज 9.7 टन प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने आम का उत्पादन बढ़ाने में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
आमोत्सव के शुभारंभ के मौके पर राज्य सरकार के मंत्री डॉ प्रेम कुमार और श्रवण कुमार, पद्मश्री रामचेत चौधरी, राजकुमारी देवी, मैंगो मैन अशोक चौधरी, आईसीएआर के पूर्व उप महानिदेशक डॉ एचपी सिंह, सहायक महानिदेशक डॉ विश्वबंधु पटेल, बीएयू के कुलपति डॉ डीआर सिंह, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट चोंगथू और कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल भी मौजूद रहे।