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स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने में जुटा कृषि विभाग 

बिहार में स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है। आत्मा योजना के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण के साथ बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। 

इस योजना से उत्साहित पूर्णिया प्रखंड की चांदी पंचायत के किसानों ने 2.5 एकड़ में स्वीट कॉर्न की खेती की। पूर्णिया जिला वैसे रबी मौसम में सामान्य मक्का की खेती के लिए जाना जाता है। 

कृषि विभाग ने मक्का की खेती में विविधता लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वीट कॉर्न की खेती को प्रोत्साहित किया है।

स्वीट कॉर्न के पौधे का उपयोग पशुचारा में भी किया जाता है। यह पौधा 90 से 100 दिन में तैयार हो जाता है। इस तरह किसान एक ही खेत में फसल चक्र से तीन फसल आसानी से ले सकते हैं।

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि किसानों को स्वीट कॉर्न का सुगर-75 बीज उपलब्ध कराया गया। अक्टूबर में बोये गये स्वीट कॉर्न 90 दिनों में तैयार हो गये। 

एक एकड़ जमीन पर स्वीट कॉर्न की खेती की लागत 40 हजार रुपये है। इस जमीन पर औसतन 20 हजार स्वीट कॉर्न की ऊपज हुई। स्थानीय बाजार में प्रति इकाई 10 रुपये की दर से इसे बेचा गया। इससे किसानों को 1.60 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। 

सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बिहार में स्वीट कॉर्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 54.99 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में बीज वितरित किया जायेगा। 
 


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