राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कहना है कि संसद में पेश केंद्रीय बजट में बिहार को स्पेशल पैकेज देने के नाम पर बिहार के लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। अधिकतर पुरानी योजनाओं की रिपैकेजिंग कर लगभग 58 हजार करोड़ का स्पेशल पैकेज दिखाया गया है।
सच्चाई यह है कि बिहार के एनडीए सांसदों की तुलना में कम सांसदों वाली तेलगु देशम पार्टी अपने आंध्र प्रदेश के लिए बिहार से ज्यादा राशि और कई नई योजनाएं लेने में कामयाब रही। बिहार की पुरानी योजनाओं को ही पैकेज का हिस्सा बताकर बड़ी राशि दिखा दी गई।
आरजेडी प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी एवं आरजू खान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भागलपुर के पीरपैंती में पावर प्लांट लगाने का निर्णय नरेंद्र मोदी सरकार के पहले का है। पीरपैंती, चौसा (बक्सर) और कजरा (लखीसराय) तीनों पावर प्लांट लगाने का निर्णय एक हीं समय लिया गया था, जिसे पिछले दस वर्षों से केंद्र सरकार ठंडे बस्ते में डाले हुई थी।
तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के कार्यकाल में 2022 में ही पूर्णिया एक्सप्रेस वे का डीपीआर तैयार करने के लिए टेंडर मांग लिया गया था। इसी तरह केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर अगस्त 2023 में ही बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे को स्वीकृत करा लिया गया था।
गया औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण मई 2023 में ही शुरू हो गया है और महाबोधि कॉरिडोर भी एक साल पहले की योजना है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए विशेष रूप से आग्रह किया था। बजट में इसकी चर्चा नहीं है और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उनकी सारी मांगें मान ली गई।