बिहार फाउंडेशन ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से पटना में विदेश संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम की सह अध्यक्षता बिहार के विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद और विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी और ओआईए) मुक्तेश के परदेशी ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य विदेश मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देनी थी।
विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि विदेश मामलों का संचालन केंद्र सरकार का काम है, लेकिन यह भी सच है कि राज्य सरकार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बिहार की सीमा नेपाल और भूटान के साथ जुड़ी हुई है। लोग इन सीमाओं को आजीविका के लिए रोज पार करते हैं।
नेपाल के साथ राजनयिक संबंधों को बनाए रखने में बिहार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस पहल को विदेश राज्य संपर्क कहना चाहिए। सचिव ने कहा कि बिहार के 40 मिलियन से अधिक लोग राज्य से बाहर रह रहे हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम उन्हें उनके अधिकार के बारे में बताना चाहते हैं, जिन्हें वे बेहतर जीवन के लिए उपयोग कर सकते हैं।
विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने कहा कि बिहार के प्रवासी श्रमिक विदेशों में भेदभाव और शोषण जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं। इनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज प्रायः नियोक्ता जब्त कर लेते हैं। इस कारण उनके लिए घर लौटना मुश्किल हो जाता है। मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय से बिहार के प्रवासी समुदाय की सहायता के लिए निरंतर समर्थन मिलेगा।
कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंकन बनर्जी, नीरज अग्रवाल और अभिषेक सिंह, पटना पासपोर्ट अधिकारी तविषी बेहल पांडे और बिहार फाउंडेशन के सीईओ कुंदन कुमार ने भी भाग लिया। विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, भर्ती एजेंसी, जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।