लखीसराय जिले के किसानों की सुविधा के लिए आधुनिक कृषि बाजार और रेल रैक प्वांइट की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए लखीसराय कृषि उत्पादन बाजार समिति को 15 करोड़ की लागत से आधुनिक बाजार में परिवर्तित किया जाएगा।
इस बाजार में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम एवं आधुनिक तकनीक से युक्त मार्केट प्लेटफॉर्म होंगे। यहां से किसान अच्छी कीमत पर ऑनलाइन अपनी फसल बेच सकेंगे।
लखीसराय में डिप्टी सीएम सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। कार्यक्रम में कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल, विशेष सचिव डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव, डीएम मिथिलेश मिश्रा, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
संवाद कार्यक्रम में किसानों ने अपने स्तर से खेती में किये नये प्रयोग और विभाग से मिल रही सुविधाओं को बताया।
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती में उर्वरक (खाद) भी बहुत महत्वपूर्ण है। रेल रैक प्वांइट नहीं रहने के कारण लखीसराय जिले को यूरिया और डीएपी दूसरे जिलों से मिलता है। इसलिए लखीसराय में रैक प्वांइट बनाने का निर्णय लिया गया। इससे कंपनी से खाद सीधे लखीसराय पहुंचेगा और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।
किसानों से बातचीत में कृषि मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बदलते मौसम में अब सिर्फ धान, गेहूं और दलहन की पारंपरिक खेती करने से लाभ नहीं होगा बल्कि अधिक से अधिक बागवानी फसलों की खेती करनी होगी। सब्जी, फल और फूलों की खेती से अधिक लाभ हो सकता है। इसलिए लखीसराय के हलसी कृषि फार्म में बागवानी फसलों की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता का बिचड़ा एवं पौधा उपलब्ध कराने के लिए 1.4 करोड़ की लागत से प्लग नर्सरी की स्थापना की जाएगी।
किसानों को बढ़िया बीज कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए हलसी कृषि फार्म में 1.50 करोड़ की लागत से सीड हब बनेगा। बीज की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यहीं होगी।
लखीसराय में शहद उत्पादन की काफी संभावनाएं है। जिले के चानन एवं सूर्यगढ़ा प्रखंडों के जंगली क्षेत्रों में वाइल्ड शहद का उत्पादन हो सकता है। वाइल्ड शहद का मूल्य सामान्य शहद से अधिक है। कृषि विभाग शहद उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था में जुटा है ।