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भारत की जीडीपी 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 पेश की। उन्होंने कहा कि 2024-25 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।कोविड से पहले वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 20 प्रतिशत अधिक रही है।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। उपभोक्ता और निवेश की मांग लगातार बढ़ने से वित्त वर्ष 2023-24 की तीन तिमाही में यह दर 8 प्रतिशत से अधिक रही है।

वित्त वर्ष 2023-24 में वर्तमान मूल्यों पर सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए) में कृषि, उद्योग और सेवा की हिस्सेदारी क्रमशः 17.7 प्रतिशत, 27.6 प्रतिशत और 54.7 प्रतिशत थी। कृषि क्षेत्र के जीवीए की गति प्रतिकूल मौसम के कारण धीमी रही। 

वैश्विक आपूर्ति में बाधा और प्रतिकूल मौसम के बावजूद घरेलू मुद्रास्फीति का दबाव कम हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई है। यह सरकार और आरबीआई के प्रयासों से हुआ है। 

आर्थिक समीक्षा के अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी के 6.4 प्रतिशत से घटकर 5.6 प्रतिशत पर आ गया। 

कर संग्रह का 55 प्रतिशत प्रत्यक्ष कर से और 45 प्रतिशत अप्रत्यक्ष करों से प्राप्त हुआ। 


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