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राज्यपाल आरएन रवि ने बताया, बिहार में निवेश को आकर्षित करने का मंत्र 

तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि (आरएन रवि) का कहना है कि बिहार में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनाएं हैं। इसके साथ फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल क्षेत्र में भी बिहार अच्छा निवेश आकर्षित कर सकता है। 

उन्होंने बिहार के उद्यमियों से कहा कि यदि वे तमिलनाडु के औद्योगिक विकास को समझना चाहते हैं, तो वे वहां के उद्यमियों से संवाद कराने के लिए तैयार हैं। तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के निमंत्रण पर पटना पहुंचे थे। वे बीआईए के सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। 

इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य यह था कि वे कौन से कारक रहे, जिसने तमिलनाडु को औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने में मदद की। 

राज्यपाल ने बताया कि देश की आजादी के समय तमिलनाडु बहुत ज्यादा विकसित नहीं था। आज तमिलनाडु देश में विनिर्माण क्षेत्र में काफी आगे है। किसी भी क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए जमीन, श्रम संसाधन, पूंजी और लॉजिस्टिक की सुविधाएं होना जरूरी है। 

तमिलनाडु ने औद्योगिक विकास को ध्यान में रखकर बड़ा लैंड बैंक और स्कील्ड लेबर तैयार किया। देश की बेहतरीन आठ आईटीआई तमिलनाडु के पास हैं। आईआईटी मद्रास का लाभ राज्य के उद्योगों को मिलता है। राज्य में औद्योगिक पूंजी की बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है। इस कारण निवेशकों के लिए तमिलनाडु पसंदीदा जगह है। 

राज्यपाल ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने गाइडेंस ब्यूरो नाम से एक संस्था बनायी है। यह राज्य में सिंगल विंडो के रूप में काम करती है। प्राकृतिक रूप से समुद्र तट के अलावा तमिलनाडु ने रेल और सड़क मार्ग का भी अच्छा नेटवर्क तैयार किया है। 

बोइंग श्रेणी के वायुयान के कई पार्ट्स तमिलनाडु में बन रहे हैं। प्रिंटिग हब के रूप में भी इस राज्य की पहचान है। संवाद कार्यक्रम में बीआईए के अध्यक्ष केपीएस केशरी और महासचिव गौरव साह ने भी अपने विचारों को रखा। पूर्व अध्यक्ष अरुण अग्रवाल और राम लाल खेतान समेत बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद रहे।
 


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