पटना के ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग और प्रत्यक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी है। बिहार सरकार भी इस क्षेत्र के विकास के लिए काम रही है। इन प्रयासों से मत्स्यपालकों को काफी लाभ हो रहा है।
बिहार में कृषि रोड मैप लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, फल एवं अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है। चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ राशि स्वीकृति की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था। अब यह बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है। बिहार की मछलियां अब दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थियों को अनुदान और मत्स्य बीज दिया गया। कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन औरं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, कल्याण मंत्री हरी सहनी, सीएम के प्रधान सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ, मंत्रालय में संयुक्त सचिव नीतू कुमारी, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ एन. विजयालक्ष्मी, निदेशक नवदीप शुक्ला, पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ दुनियाराम सिंह एवं राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के डॉ विजय कुमार बेहरा भी मौजूद रहे।