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गया जिले की महिलाएं नये तरीके से कर रहीं मशरूम का उत्पादन 

गया जिले के बांकेबाजार में नये तरीके से मशरूम का उत्पादन हो रहा है। ऑयस्टर मशरूम के लिए महिलाएं पॉलिथीन की जगह प्लास्टिक बाल्टी का उपयोग कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ गयी है। 

उत्पादन की विधि : 

- पांच किलो गर्म पानी से उपचारित भूसा को प्लास्टिक बाल्टी में रखा जाता है। फिर उसमें मशरूम बीज का छिड़काव होता है। 

-  एक बार में एक बाल्टी से मात्र सात दिनों में पांच से सात किलो मशरूम का उत्पादन होता है।

इसे तोड़कर पुनः बाल्टी में भूसा डाला जाता हैं।

- गर्म पानी से भूसा उपचारित होने के कारण मशरूम जैविक होते हैं।

कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि बिहार मशरूम उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। मशरूम उत्पादन किसान परिवार के लिए अतिरिक्त आय के साथ फसल अवशेष प्रबंधन में भी सहायक है। 

उन्होंने बताया कि उद्यान निदेशालय के माध्यम से अनुदान की व्यवस्था है। वाणिज्यिक मशरूम उत्पादन के लिए 50 प्रतिशत अथवा 10 लाख रुपये प्रति यूनिट, मशरूम स्पॉन निर्माण के लिए 7.50 लाख रुपये प्रति यूनिट और मशरूम कंपोस्ट यूनिट के लिए 10 लाख रुपये अनुदान मिल रहा है। 

झोपड़ी में मशरूम उत्पादन के लिए 89.75 हजार रुपये और मशरूम किट के लिए 54 रुपये प्रति यूनिट का प्रावधान है। 
 


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