डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित होंगे। इससे मौसम की सही जानकारी मिलेगी। अभी बिहार में पांच केंद्र पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया और वाल्मीकिनगर में हैं। राज्य सरकार इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डिप्टी सीएम भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150वीें वर्षगांठ पर पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान आईएमडी के डीजी डॉ मृत्युंजय महापात्र, आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव साहिला, दिल्ली मौसम केंद्र के प्रमुख डॉ राजेंद्र जेनामणि, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव नीरज नारायण और पटना मौसम केंद्र के प्रमुख आशीष कुमार मौजूद रहे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि मौसम विज्ञान केंद्रों की संख्या बढ़ने से मौसम के सही अनुमान के साथ रोजगार का भी सृजन होगा। केंद्र सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए दो हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘मिशन मौसम‘ को स्वीकृति दी है।
बिहार सरकार ने मौसम पूर्वानुमान के लिए कमांड सिस्टम और मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने की दिशा में कई काम किए हैं। बिहार में मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन की एक समग्र व्यवस्था विकसित हो चुकी है। इसलिए अब हम नेपाल से आने वाली बाढ़ का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं।
डिप्टी सीएम ने बताया कि पंचायतों में भी मौसम केंद्र का निर्माण होगा। इसका लाभ किसान और कृषि विभाग को मिलेगा। राज्य सरकार के कई विभाग मौसम संबंधी आंकड़ों और पूर्वानुमान का उपयोग करते हैं।