बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर ने मक्का उत्पादकों के लिए विशेष सलाह जारी की है। बीएयू का कहना है कि कम तापमान के कारण मक्का की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस स्थिति में मकई के पत्ते पीला या बैगनी और पौधे में असामान्य वृद्धि हो सकती है।
15 अक्टूबर से 1 नवंबर तक बोई गई फसल पुष्पन की अवस्था में पहुंच रही है, लेकिन तापमान में कमी के कारण फसल में परागण एवं निषेचन में बाधा आ सकती है। इससे दाना बनने की प्रक्रिया बाधित होगी।
किसानों के लिए सलाह :
-- मक्का की फसल में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी का तापमान स्थिर रहे। जलजमाव न होने दें।
-- हल्की सिंचाई के बाद एन.पी.के.(19ः19ः19) और मैग्निशियम सल्फेट (1.5 किलोग्राम/एकड़) डालें।
-- यदि फसल धनबाल निकलने की अवस्था में है तो 30 किलोग्राम यूरिया और 10 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करना चाहिए।
-- प्रति एकड़ दस किलोग्राम पोटास उर्वरक का प्रयोग करें।