मुख्य समाचार

जूट का एमएसपी बढ़ा, उत्पादन में बिहार का 9 प्रतिशत योगदान

केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यह उत्पादन लागत से 66.8 प्रतिशत अधिक है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इसे मंजूरी दी। 

जूट उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल का 82 प्रतिशत और असम का 9 प्रतिशत योगदान है। भारत के 40 लाख किसान परिवार की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। लगभग चार लाख श्रमिकों को जूट मिल और व्यापार में प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। 

विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का एमएसपी पिछले विपणन सीजन 2024-25 की तुलना में 315 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। पिछले दस वर्षों में एमएसपी 2400 रुपये से बढ़कर 5650 रुपये हो गया है। भारतीय पटसन निगम केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत है। 
 


संबंधित खबरें