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आर्थिक सर्वेक्षण पेश, जीडीपी में 6.8 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान

संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बावजूद भारत में लगातार आर्थिक विकास हो रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 

वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी के 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत और औद्योगिक क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। 

भारत में खुदरा मुद्रा स्फीति वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.9 फीसदी रह गई। आरबीआई का अनुमान है कि देश की उपभोक्ता मूल्य स्फीति वित्त वर्ष 2026 में चार फीसदी रहेगी।

आर्थिक समीक्षा में रोजगार के मामले में भारत की अच्छी स्थिति की चर्चा है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद हुए सुधार से भारत के श्रम बाजार में वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत थी। यह 2023-24 में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई।

लोकसभा चुनाव के कारण बाजार की अस्थिरता से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद भारतीय स्टॉक मार्केट ने अन्य उभरते बाजार को पीछे छोड़ दिया है। इक्विटी और ऋण से प्राप्त पूंजी संग्रह अप्रैल से दिंसबर 2024 के दौरान 11.1 लाख करोड़ रहा। यह वित्त वर्ष 2023-24 में जुटाई गई राशि से पांच फीसदी अधिक है।

आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में सकल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में मजबूती आई है। वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में इसमें 17.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। दिसंबर 2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 640.3 बिलियन डॉलर रहा।

एमएसएमई क्षेत्र की सहायता के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत कोष बनाया है। पूरे देश में एमएसएमई क्लस्टर विकसित किया जा रहा है।
 


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