प्रसिद्ध टेराकोटा कलाकार भोला पंडित से बच्चे टेराकोटा आर्ट सीख रहे हैं। दस वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागियों के लिए बिहार खादी बोर्ड ने तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला में भोला पंडित और उनके साथी टेराकोटा आर्ट का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
प्रतिभागी 17 मई तक गांधी मैदान के समीप महेश भवन में दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य पारंपरिक मिट्टी शिल्प के प्रति युवाओं में रुचि जगाना एवं उन्हें स्वरोजगार के नये अवसरों से जोड़ना है।
भोला पंडित ने बताया कि टेराकोटा एक प्राचीन और बहुपयोगी कला है। इससे सुराही, मटका, कुल्हड़, सजावटी सामान और अन्य उपयोगी उत्पाद बनाए जाते हैं। पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण टेराकोटा उत्पादों की मांग देश-विदेश में लगातार बढ़ रही है।
राज्य एवं केंद्र सरकार की ग्रामोद्योग और पीएम विश्वकर्मा योजनाओं के माध्यम से इस कला से जुड़े कारीगरों को वर्किंग कैपिटल, टूल किट और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं मिलती हैं। विश्वकर्मा योजना के तहत पांच प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपए तक का ऋण दो किस्तों में एवं 15000 मूल्य का टूल किट निःशुल्क दिया जाता है।